यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक बच्चे की, जिसका नाम रवि था। रवि का बचपन उसके लिए सबसे खास था, क्योंकि वह अपने दोस्तों के साथ दिनभर खेलता और मस्ती करता था। उसका प्रिय खेल क्रिकेट था, और वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए तैयार रहता था।
एक दिन, जब वे क्रिकेट खेल रहे थे, रवि के दोस्तों ने उससे कहा, “रवि, तू कभी गेंद फेंक कर बॉल लेने की कोशिश क्यों नहीं करता? शायद तू अच्छा गेंदबाज बन सकता है।”
रवि ने यह सुनकर सोचा, “क्यों नहीं, मैं गेंदबाज बनने की कोशिश करूँगा।”
वह अपने दोस्तों के साथ गेंदबाज बनने की प्रैक्टिस करने लगा। वह नए गेंदें खरीदकर खुद पर प्रैक्टिस करता और अपनी गेंदबाजी कौशल में सुधार करता था।
उसके प्रयासों का परिणाम साबित होने लगा, और वह बच्चों के बीच क्रिकेट में एक अच्छा गेंदबाज बन गया। उसकी गेंदें अब अपने दोस्तों को परेशान करने लगीं, और वह खुद को गर्वित महसूस करता था।
कुछ समय बाद, गाँव में एक क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ, और रवि को अपने गाँव की टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला। वह अपनी टीम के साथ मैच खेलने के लिए तैयार था।
मैच के दौरान, वह अपनी अच्छी गेंदबाजी से अपने टीम को जीत दिलाने में मदद करता। उसकी गेंदें विरोधी टीम के बैटमेन के लिए बड़ी ही चुभती थीं, और उसने कुछ महत्वपूर्ण विकेट भी लिए।
मैच के बाद, उसकी टीम ने जीत हासिल की, और वे खुशी-खुशी घर वापस लौटे। रवि ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मैच की जीत का जश्न मनाया और उनकी साथियों को गेंदबाज बनने के लिए प्रेरित किया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हम कुछ मेहनत और संकल्प के साथ किसी क्षेत्र में अपनी कौशल में सुधार करते हैं, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। बचपन के सपने हमारे सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, और हमें उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।