परिचय:
गहरे, मंत्रमुग्ध जंगल के किनारे बसे एक शांत, आरामदायक गाँव में, बेनी नाम का एक छोटा लड़का रहता था। बेनी अपनी संक्रामक हँसी के लिए जाने जाते थे, जो सबसे क्रोधी प्राणी को भी मुस्कुराने पर मजबूर कर देती थी।
रहस्यमयी रात:
एक शाम, जब बेनी रात के आकाश को देख रहा था, उसने देखा कि चंद्रमा उदास दिख रहा था। उसकी चाँदी जैसी चमक फीकी पड़ गई थी और ऐसा लग रहा था कि वह अपनी सामान्य चमक खो रही है।
चिंतित लड़का:
बेनी चाँद को दुखी नहीं देख सका। उसने यह पता लगाने का निर्णय लिया कि क्या ग़लत था। हाथ में लालटेन लेकर, वह चंद्रमा की मदद करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अंधेरे, जादुई जंगल में चला गया।
जुगनू लूना से मुलाकात:
जैसे ही बेनी जंगल में गहराई में भटक गया, उसकी मुलाकात लूना नाम की एक मिलनसार जुगनू से हुई, जो गर्म, कोमल रोशनी उत्सर्जित करती थी। लूना ने बेनी से पूछा कि वह रात में जंगल में क्यों खोज रहा था।
लूना की कहानी:
बेनी ने चंद्रमा के बारे में अपनी चिंता साझा की। लूना ने बताया कि चंद्रमा अकेला महसूस कर रहा था क्योंकि उसने अपने दोस्तों, सितारों को खो दिया था। वे रात के आकाश का पता लगाने के लिए दूर चले गए थे, और चंद्रमा उनकी टिमटिमाती कंपनी से चूक गया।
योजना:
बेनी ने दयालुता से भरे दिल से चंद्रमा की मदद करने का फैसला किया। लूना ने सुझाव दिया कि वे रात के आकाश से तारे इकट्ठा करें और उन्हें चंद्रमा पर वापस लाएँ।
सितारों को इकट्ठा करना:
बेनी और लूना ने अथक परिश्रम किया और एक-एक करके तारे एकत्रित किये। उन्होंने तारों को सुरक्षित रूप से चंद्रमा तक ले जाने के लिए अपनी लालटेन का उपयोग किया।
पुनर्मिलन:
जैसे ही आखिरी तारा वापस आकाश में रखा गया, चंद्रमा का चेहरा चमक उठा। वह एक बार फिर अपने दोस्तों की झिलमिलाती मंडली से घिरा हुआ था। चाँद के चेहरे पर एक दीप्तिमान मुस्कान छा गई।
आभारी चंद्रमा:
मून ने बेनी और लूना के दयालु हृदय के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इसने दुनिया में रोशनी और खुशी लाते हुए, हमेशा चमकते रहने का वादा किया।
घर लौट रहे:
बेनी और लूना गाँव लौट आए, और चाँद की ख़ुशी उन पर चमक उठी। बेनी की हँसी पूरे जंगल में गूँज उठी क्योंकि वह जानता था कि उनकी दयालुता के कारण रात का आकाश थोड़ा अधिक चमकीला था।
निष्कर्ष:
सितारों को वापस लाने के बेनी और लूना के निस्वार्थ कार्य ने न केवल चंद्रमा को खुश किया, बल्कि गांव में सभी को यह भी याद दिलाया कि दयालुता के छोटे कार्य सबसे अंधेरे समय को भी रोशन कर सकते हैं। चाँद चमकता रहा और बेनी की हँसी खुशी का प्रतीक बन गई, यह याद दिलाती रही कि रात की शांति में भी, खुशी के लिए हमेशा जगह होती है।